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झोला छाप डाक्टर के इलाज से बच्चे की मौत , डाक्टर द्वारा,20 हजार रुपए देने की कोशिश , दवाखाना किया सीज

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*अजमल शेर खान सिरोंज की रपट *
झोला छाप डाक्टर के इलाज से 3 महीने के बच्चे की मौत, शिकायत करने पर पिता को 20 हजार रूपए देकर मामला रफा-दफा करने का बनाया दबाव, कथित डाक्टर का पक्ष जानने गए पत्रकारों पर महिला कर्मचारी ने किया हमला, तीन पत्रकार घायल

सिरोंज। बासौदा नाका पर झोला छाप डाक्टर के इलाज से तीन महीने के बच्चे की मंगलवार को मौत हो गई। मृत बच्चे के पिता ने मामले की शिकायत डायल 100 पर की तो फर्जी डाक्टर ने 20 हजार रूपए देकर मामला रफा-दफा करने की कोशिश की। इसके बाद जब मीडियाकर्मी उसकी क्लीनिक पर पहुंचे तो वहां मौजूद महिला कर्मचारी ने मिडियाकर्मियों के साथ ही झूमाझटकी और गालियां देकर मारपीट कर दी। मीडियाकर्मियों की शिकायत और धरने के बाद मौके पर पहुंचे सिरोंज बीएमओ ने क्लीनिक को सील कर दिया है। 
अबुआढाना पंचायत के आंधारेला गांव में रहने वाले रामकृष्ण अहिरवार के तीन महीने के बेटे की तबीयत खराब होने पर वे उसे लेकर मंगलवार को सिरोंज आए थे। रामकृष्ण बेटे को लेकर बासौदा नाका पर शिवा क्लीनिक पर पहुंचा। क्लिनिक पर मौजूद डाक्टर विनोद दुबे उर्फ विनोद शर्मा ने उसका इलाज किया। विनोद ने क्लीनिक के सामने स्थित खुद के ही मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन मंगाया और बच्चे को लगा दिया। रामकृष्ण अपने बच्चे को लेकर वापस गांव लौट गया। गांव तक पहुंचने में ही बच्चे की मौत हो गई। रामकृष्ण ने डायल 100 पर काल कर मामले की जानकारी दी। डायल 100 ही उसे लेकर सिरोंज के राजीव गांधी स्मृति चिकित्सालय पहुंची लेकिन शाम हो जाने के बाद पोस्टमार्टम नहीं हो सका। बुधवार सुबह करीब 10 बजे उसका पीएम हुआ और वह बेटे के शव को लेकर वापस गांव लौट गया। 
पिता बोला डाक्टर 20 हजार रूपए देकर मामला रफा-दफा करने का कह रहा है 
रामकृष्ण और उसकी पत्नि रात भर मृत बच्चे को लेकर अस्पताल परिसर और बाहर ही भटकते रहे। अस्पताल में मौजूद रामकृष्ण ने 20 हजार रूपए जेब से निकालते हुए बताया कि रात में डाक्टर विनोद भी सरकारी अस्पताल में आया था। वह ये 20 हजार रूपए देकर मामला रफा-दफा करने का कह कर गया है। मेरा बेटा मर गया है लेकिन इसकी चिंता उसे नहीं है। गरीब हूं तो वह मुझे खरीदना चाहता है। मै उसे नहीं छोडूंगा। 
क्लिनिक पर मौजूद महिला कर्मचारी ने मीडियाकर्मियों ने से की बदसलूकी
रामकृष्ण के आरोपों के बाद मीडियाकर्मी प्रमोद साहू, लक्ष्मणसिंह कटियार और रवि विश्वकर्मा बासौदा नाका पर डाक्टर विनोद के क्लीनिक पर उसका पक्ष जानने के लिए पहुंचे तो डाक्टर विनोद वहां से भाग गया था। यहां पर करीब 10 वाय 12 के कमरे में ये क्लीनिक संचालित हो रही थी। क्लीनिक में रखी तीन बेंच पर तीन मरीज लेटे हुए थे और इनमें से 2 लोगों को ड्रिप लगी हुई थी और एक महिला का इलाज मौजूद महिला कर्मचारी कर रही थी। मीडियाकर्मियों ने महिला कर्मचारी से डाक्टर के बारे में जानकारी ली तो वह भड़क गई और धक्का देकर मीडियाकर्मियों माइक फेंक दिए। वह यहीं नहीं थमी और खुद ही दुकान का सारा सामान फेंक कर मीडियाकर्मियों से गाली-गलौच कर झूमाझटकी और मारपीट करने लगी। वह चिल्लाते हुए बाहर क्लीनिक के बाहर आ गई और चौराहे पर ही चिल्लाचोट करने लगी और इसी बीच उक्त कथित नर्स ने मीडियाकर्मियों पर हमला कर दिया। जिससे नगर के तीन मीडियाकर्मी घायल हो गए। 
मीडियाकर्मियों की शिकायत के बाद बीएमओ ने सील की क्लिनिक
मामले जानकारी लगने पर क्लीनिक के सामने नगर के सभी पत्रकार एकत्रित होे गए और पुलिस को मामले की सूचना दी। इसके बाद मौके पर टीआई गिरीश दुबे अपने स्टाफ के साथ वहां पहुंचा और मामले को कंट्रोल किया। इसी बीच कथित नर्स भी क्लीनिक छोड़ और मरीजों को भगा कर वहां से खुद भी रफूचक्कर हो गई।  मीडियाकर्मियों ने टीआई गिरीश दुबे से मामले में कार्रवाई करने की मांग की लेकिन बीएमओ के ना आने तक उन्होंने कोई कार्रवाई करने में असमर्थता जताई।  जब पत्रकारों ने सीएमएचओ से मामले की शिकायत की और क्लिनिक के सामने धरना दिया तब करीब 1 घंटे बाद बीएमओ अभिषेक उपाध्याय अपने दल के साथ मौके पर पहुंचे और क्लीनिक की जांच शुरू की। 
प्रतिबंधित दवाईयां क्लिनिक में देख कर हैरान रह गए बीएमओ
जांच के दौरान बीएमओ अभिषेक उपाध्याय स्वयं क्लिनिक के अंदर के हालात देख कर हैरान रह गए। उन्होंने देखा कि क्लीनिक के साथ ही उसके ऊपरी हिस्से में स्थित कमरों में नर्सिंग होम का संचालन डाक्टर कर रहा है। जिसमें कई प्रतिबंधित दवाईयों जिनमें लिंगोसाइक्लिन इंजेक्शन, डेक्सामैथासोन, एमिकासिन इंजेक्शन, सिल्डएनाफिल सिट्रेक्ट, सैफट्रिक जोन, सालवेक्टम इंजेक्शन, स्टीराइड, गर्भ निरोधक गोलियां आदि दवाईयों का प्रयोग डाक्टर कर रहा है। इन दवाइयों का नियमानुसार विशेषज्ञ डाक्टर ही उपयोग कर सकते हैं। 
न्यूरोलाजिस्ट धनंजय मिश्रा के नाम से चल रही है क्लीनिक
क्लीनिक पर जो बोर्ड लगाया गया है। उस पर न्यूरोलाजिस्ट धनंजय मिश्रा के नाम से क्लीनिक संचालित होना बताया जा रहा है। जानकारों के मुताबिक न्यूरोलाजिस्ट मानसिक बीमारियों का इलाज करने का विशेषज्ञ होता है लेकिन उक्त क्लीनिक पर कथित डाक्टर सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, सेक्स रोग, गर्भनिरोध, महिला रोग और गुप्त रोग आदि समस्त बीमारियों का बेखौफ होकर इलाज कर रहा है। वहीं ये डाक्टर सिर्फ नाम के लिए लिखा गया है। आसपास के लोगों ने बताया कि धनंजय मिश्रा कभी यहां पर दिखाई नहीं दिए। 
वर्जन।
बीएमओ अभिषेक उपाध्याय ने बताया कि हमने हर पहलू पर जांच की है तथा कुछ सामग्री और दवाईयां भी जब्त की है। मामले में नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन सिरोंज ईकाई ने पीड़ित पत्रकारों को भरोसा दिलाया है यूनियन हर संभव आप लोगों की मदद करेगी ईकाई के अध्यक्ष प्रमोद रघुवंशी ने कहा कि आज जो भी घटना पत्रकारों के साथ हुई है वो निंदनीय है यूनियन इस घटनाक्रम की निंदा करती है।

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