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लोकसभा राज्यसभा एवं विधानसभा चलने की जवाबदारी विपक्ष के सदस्यों की l

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लोकसभा, राज्यसभा एवं विधान सभा चलने की जबावदारी विपक्ष के सदस्यों  की ।

भोपाल से संपादित राधावल्लभ शारदा के द्वारा ****
सदन की गरिमा को बनाए रखना विपक्ष के सदस्यों के लिए अति आवश्यक है और ये नेता लोग जिन्हें आम जनता ने बड़े विश्वास के साथ अपना बहुमूल्य बोट देकर भेजा है यदि सदन में व्यवधान उत्पन्न करते हैं तो अपने मतदाताओं के साथ अन्याय करते हैं साथ ही जनता की खून पसीने की कमाई को बर्बाद कर रहे हैं ।
आम आदमी चाहता है कि उसकी समस्याओं पर विचार किया जाएगा परन्तु जब सदन में व्यवधान उत्पन्न करते हैं तो फिर यह तय है कि वे जनता के बीच अपना विश्वास खत्म कर रहे हैं ।
अतः सभी सांसदों को मर्यादित आचरण में रहकर सदन की कार्यवाही को चलने दे ।
सदन में व्यवधान से
 झल्ला गईं प्रियंका, ‘अरे यार!’ बोल निकाली खीज ।
संसद के उच्च सदन राज्यसभा की बैठक गुरुवार को 4 बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। यहां लगातार विपक्ष पेगासस और कृषि कानून जैसे मुद्दों पर हंगामा कर केंद्र को घेरने की कोशिश में जुटा है। पेगासस मामले को तूल दिया जा रहा है देश में कितने सांसद , विधायक , मंत्री और अधिकारी है जो मोबाइल फोन उठाते हैं और कितने मोबाइल पर आम आदमी से बात करते हैं जबकि सरकार इन्हें मोबाइल का इस्तेमाल करने के लिए पैसा देती है ।
पेगासस जासूसी मामले और कृषि कानून को लेकर संसद के दोनों सदनों में जारी है विपक्ष का हंगामा। 
पेगासस जासूसी विवाद, कृषि कानूनों और दिल्ली में दलित लड़की के साथ हुए कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना को लेकर संसद में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। इसकी वजह से संसद के उच्च सदन राज्यसभा की बैठक गुरुवार को चार बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। जहां सरकार लगातार सदन की कार्यवाही न चलने देने के लिए विपक्ष पर निशाना साध रही है, वहीं इसका उल्टा असर खुद विपक्ष की रणनीतियों पर भी पड़ रहा है। दरअसल, कई नेताओं को अब तक सदन के पटल पर अपनी बात रखने का मौका ठीक ढंग से नहीं मिल पाया है। गुरुवार को इसमें एक नाम शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी का जुड़ गया, जो हंगामे के बीच बार-बार टोके जाने को लेकर झल्ला गईं।
क्या हुआ वाकया?: बताया गया है कि शिवसेना सांसद गुरुवार को जब सरकार को घेरने के लिए भाषण देने उठीं, तो सदन में जारी हंगामे के बीच उनकी बातें काफी मुश्किल से ही सुनाई दे रही थीं। इस दौरान उनके पास बैठे एक साथी ने उनसे तुरंत सटीक तरह से बात रखने के लिए कहा। इस दौरान प्रियंका ने कहा कि वे कोशिश कर रही हैं। हालांकि, जब काफी देर तक यह स्थिति जारी रही, तो उन्होंने जोर से चिल्लाया- “अरे यार!” बाद में उन्होंने दिल्ली में दलित लड़की की मौत का मसला उठाया और बैठ गईं।

राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे पर भाजपा का वार: एक दिन पहले ही राज्यसभा में भाजपा के उप नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रदर्शन पर किसी को आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि आपत्ति हिंसा, तोड़फोड़ और हाथापाई को लेकर है। इसके बाद उपसभापति ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। इस दौरान मंत्रियों ने कुछ पूरक सवालों के जवाब भी दिए। हालांकि उनकी बात ठीक से सुनी नहीं जा सकी। बाद में उपसभापति हरिवंश ने हंगामा कर रहे सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने की अपील की लेकिन उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ ।
विपक्ष का आरोप- गतिरोध में मौके का फायदा उठा रही भाजपा: विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जिस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग विपक्ष 14 दिन से कर रहा है, उस पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है और इस विधेयक पर चर्चा कराई जा रही है जो आज की कार्यसूची में शामिल नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सदन में जारी गतिरोध का फायदा उठाते हुए यह विधेयक जल्दबाजी में पारित कराना चाहती है जबकि इसे प्रवर समिति में भेजा जाना चाहिए।

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