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जर्मनी में रिकॉर्ड 60 हजार नए कोविड केस:चांसलर मर्केल ने कहा- देश भयावह चौथी लहर की चपेट में

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जर्मनी में रिकॉर्ड 60 हजार नए कोविड केस:चांसलर मर्केल ने कहा- देश भयावह चौथी लहर की चपेट में

साभार ,जर्मनी में कोरोना से बिगड़ते हालात पर चांसलर एंजेला मर्केल ने टिप्पणी की है। मर्केल ने कहा कि देश कोरोना की भयावह चौथी लहर की चपेट में है, हमें कोरोना के बूस्टर शॉट को तेजी से डिस्ट्रीब्यूट करने की जरूरत है। उन्होंने वैक्सीन को लेकर संशय में रहने वाले लोगों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द डोज लगवाएं। उन्होंने कहा कि अभी भी देर नहीं हुई है, महामारी से बचने का यही कारगर तरीका है।
पहली बार 60 हजार के पार हुए केस
जर्मनी में बुधवार को कोरोना के रिकॉर्ड 60,753 नए मामले सामने आए हैं। महामारी की शुरुआत के बाद यह पहली बार है जब जर्मनी ने 60 हजार के आंकड़े को पार किया है। पिछले 24 घंटे में यहां 248 मौतें हुई है। वहीं, जर्मनी के टॉप वायरोलॉजिस्ट क्रिश्चियन ड्रॉस्टन ने आने वाले दिनों में 1 लाख मौतों की आशंका जाहिर की थी। फिलहाल यहां कोरोना के 5.16 लाख एक्टिव मामले हैं।
बर्लिन की एक वैक्सीनेशन बस बाहर लोग कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
यूरोप में तेजी से बढ़ रहे मामले
दुनियाभर में कोरोना से अब तक 25.57 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, इस महामारी से अब तक कुल 51.38 लाख से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है। जर्मनी और ब्रिटेन के साथ ही नीदरलैंड, पोलैंड और रूस जैसे देशों में कोरोना एक बार पांव पसार रहा है। ये वो देश हैं जो अपनी करीब दो तिहाई आबादी को पूरी तरह से वैक्सीनेट कर चुके हैं। ब्रिटेन में बुधवार को 38 हजार से अधिक केस दर्ज किए गए और 201 लोगों की मौत हुई है। बेल्जियम के स्वास्थ्य मंत्री फ्रैंक वांडरब्रुक ने भी माना है कि उनका देश कोरोना की चौथी लहर का सामना कर रहा है।
WHO की हिदायत- जरूरतमंदों को टीके नहीं लगे तो ये स्कैंडल होगा
WHO ने कहा है कि कोरोना के बूस्टर डोज स्वस्थ लोगों और बच्चों को देने की जरूरत नहीं है। उसका कहना है कि दुनिया के कई देशों में आज भी कई हेल्थवर्कर्स, सीनियर सिटीजंस और हाई रिस्क कैटेगरी वाले लोगों को वैक्सीन का पहला डोज भी नहीं लगा है। ऐसे में जिन्हें जरूरत नहीं है उन्हें बूस्टर डोज लगता है तो ये स्कैंडल होगा।
जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी चेतावनी दी है कि कोरोना संक्रमण फैलने के रोकने के तुरंत उपाय नहीं किए गए तो दिसंबर का महीना बेहद बुरा हो सकता है। जर्मनी के रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट ने भी लोगों को भीड़ से बचने की सलाह दी है।

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