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कांग्रेस में गुरुला युद्ध को रोकने सोनिया ने पंजाब इंचार्ज हरीश चौधरी के साथ 2 सेक्रेटरी लगाए;

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कांग्रेस में गुरुला युद्ध को रोकने 
सोनिया ने पंजाब इंचार्ज हरीश चौधरी के साथ 2 सेक्रेटरी लगाए;

भोपाल से संपादित राधावल्लभ शारदा एवं लीलाधर शर्मा की रपट ,
 कांग्रेस में गुरुला जंग रुकने का नाम नहीं ले रही है ।पंजाब कांग्रेस में मची कलह पर कांग्रेस हाईकमान की चिंता बरकरार है। सोनिया गांधी ने पंजाब इंचार्ज हरीश चौधरी के साथ 2 सेक्रेटरी भी लगा दिए हैं। जिनमें हर्षवर्धन और चेतन चौहान शामिल हैं। यह दोनों नेता इंचार्ज चौधरी के साथ पंजाब कलह को थामने की कोशिश में जुटेंगे। पंजाब में जल्द चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में कांग्रेस जीत की संभावना को देखते हुए हरसंभव कोशिश कर रही है।
इसके अलावा सबसे अहम कैप्टन अमरिंदर सिंह का दांव है। जो अब कांग्रेस छोड़ पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी बना चुके हैं। अमरिंदर पंजाब की सियासत के दिग्गज हैं। ऐसे में उनके सक्रिय होने पर कांग्रेस में बड़ी टूट न हो, उसे भी संभालना होगा।
सीएम चन्नी अब सिद्धू की हर बात सुनेंगे, इस बात पर दोनों के बीच जंग थम गई है।
पहले पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिद्धू और CM चरणजीत चन्नी के बीच खुली जंग चल रही थी। सिद्धू एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल और डीजीपी आईपीएस सहोता को हटाने की मांग पर अड़े रहे। इस जिद में उन्होंने चन्नी सरकार के सस्ती बिजली और पेट्रोल-डीजल रेट घटाने के अच्छे फैसलों की भी बखिया उधेड़कर रख दी। हालांकि अब AG को हटा दिया गया। डीजीपी बदलने के लिए UPSC पैनल का इंतजार किया जा रहा है। ऐसे में सिद्धू की जिद को मान हाईकमान ने फिलहाल यह जंग थाम ली है।
कांग्रेस की कलह को लेकर कांग्रेस के सांसद भी पार्टी लाइन से हटकर बयान दाग रहे हैं। लुधियाना से सांसद रवनीत बिट्‌टू के निशाने पर नवजोत सिद्धू हैं। वह कई बार सिद्धू के बारे में सीधे नाम लेकर ही निशाने साध चुके हैं। वहीं, सांसद तिवारी के निशाने पर चन्नी सरकार है। उन्होंने BSF के अधिकार बढ़ाने के मुद्दे पर सरकार को घेरा कि एक महीने बाद भी वो सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं गये ?
पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ की नाराजगी भी बरकरार है। उन्हें बिना विवाद के हटा दिया गया और सिद्धू को प्रधान बना दिया गया। इसके बाद उन्हें हाईकमान ने पंजाब का पहला हिंदू मुख्यमंत्री बनाना चाहा लेकिन सिख स्टेट में सिख चेहरे की बात कहकर पत्ता काट दिया गया। इस वजह से पार्टी गतिविधियों से दूर होकर जाखड़ ट्विटर के जरिए पार्टी और सरकार पर निशाना साधते रहते हैं।

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