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रिश्तेेदार कहते थे कि मुस्लिम लड़कियों को नहीं पहनने चाहिए शॉर्ट्स...आज निखत जरीन ने बजाया डंका

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भारतीय मुक्केबाज निखत जरीन उम्मीदों पर खरी उतरती हुई गुरुवार को इस्तांबुल में महिला विश्व चैंपियनशिप के फ्लाइवेट (52 किग्रा) वर्ग के एकतरफा फाइनल में थाईलैंड की जिटपोंग जुटामस को 5-0 से हराकर विश्व चैंपियन बनीं। 
इस जीत के साथ जरीन विश्व चैंपियन बनने वाली पांचवीं भारतीय महिला मुक्केबाज गई हैं. उनसे पहले ये कारनामा छह बार की चैंपियन एमसी मैरीकोम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006) और लेखा केसी कर चुके हैं.
जरीन का जन्म तेलंगाना के निजामाबाद में 14 जून 1996 को हुआ था। उनके पिता का नाम मुहम्मद जमील अहमद और माता का नाम परवीन सुल्ताना है। इस भारतीय स्टार ने 13 साल की उम्र में बाक्सिंग ग्ल्बस से दोस्ती कर ली थी। वो भारतीय मुक्केबाजी की लीजेंड एमसी मैरीकाम को अपना आदर्श मानती हैं। 
निखत जरीन के पिता जमील ने कहा कि खेल में लड़कियों को शॉर्ट्स और ट्रेनिंग शर्ट पहनने की आवश्यकता होती है, और यह मेरे परिवार के लिए यह आसान नहीं था। जमील ने कहा, ''जब निखत ने हमें बॉक्सर बनने की अपनी इच्छा के बारे में बताया, तो हमारे मन में कोई झिझक नहीं थी। लेकिन कभी-कभी, रिश्तेदार या दोस्त हमें बताते हैं कि एक लड़की को ऐसा खेल नहीं खेलना चाहिए, जिसमें उसे शॉर्ट्स पहनना पड़े। लेकिन हम जानते थे कि निखत जो चाहेगी, हम उसके सपने का समर्थन करेंगे।

चाचा शम्सुद्दीन के दोनों बेटे एतेशामुद्दीन और इतिशामुद्दनी के मुक्केबाज होने के कारण, निखत को मुक्केबाज बनने के लिए कहीं बाहर से प्रेरणा की जरूरत नहीं पड़ी. हालांकि, निखत ने जब 2000 के दशक में मुक्केबाजी शुरू की तो निजामाबाद या हैदराबाद में महिला मुक्केबाज किसी प्रतिस्पर्धा में बेहद कम ही नजर आती थी. इसके बावजूद पिता ने निखत को मुक्केबाज बनने से कभी नहीं रोका. मुक्केबाजी ऐसा खेल है, जिसमें लड़कियों को ट्रेनिंग या बाउट के दौरान शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहनना पड़ता है. ऐसे में जमील परिवार के लिए बेटी को मुक्केबाज बनाना आसान नहीं था. लेकिन निखत को पिता और मां परवीन सुल्ताना दोनों का साथ मिला।

निखत की इस सुनहरी कामयाबी पर पिता और घर वाले काफी खुश हैं और अब जश्न की तैयारियों शुरू हो गईं हैं। पिता ने कहा, 2-3 साल से उसने अपनी पसंदीदा बिरयानी और निहारी नहीं खाई है। जैसे ही वो कैंप से फ्री होगी तो उसके पास अपनी पसंदीदा डिश खाने के लिए एक-दो दिन का मौका होगा। इसके बाद वो फिर बिजी हो जाएगी

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