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सत्ता में नहीं सेवा करने का आशीर्वाद दें -- मोदी

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सत्ता में नहीं सेवा करने का आशीर्वाद दें -- मोदी

देश के लिए कुछ करने की भी प्रेरणा देता अमृत महोत्सव,  मोदी

भोपाल से संपादित राधावल्लभ शारदा एवं
नई दिल्ली से वेदप्रकाश रस्तोगी की रपट,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 11 बजे आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में लोगों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि साथियो, अमृत महोत्सव, सीखने के साथ ही हमें देश के लिए कुछ करने की भी प्रेरणा देता है। और अब तो देश-भर में आम लोग हों या सरकारें, पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक, अमृत महोत्सव की गूंज है और लगातार इस महोत्सव से जुड़े कार्यक्रमों का सिलसिला चल रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि स्टार्टअप्स के जरिये भारतीय युवा ग्लोबल प्रॉब्लम्स के समाधान में भी अपना योगदान दे रहे हैं। स्टार्टअप की सफलता के कारण हर किसी का उस पर ध्यान गया है और जिस प्रकार से देश से, विदेश से, निवेशकों से उसे समर्थन मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि शायद कुछ साल पहले उसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत में 70 से अधिक Unicorns हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि 70 से अधिक स्टार्ट-अप ऐसे हैं जो एक अरब से ज्यादा के वैल्यूएशन को पार कर गए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि वृंदावन दुनिया भर के लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता रहा है। इसकी छाप आपको दुनिया के कोने-कोने में मिल जाएगी। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में एक ‘Sacred India Gallery’ का जिक्र किया। पीएम ने कहा कि यह गैलरी स्वान वैली के एक खूबसूरत क्षेत्र में बनाई गई है। पीएम ने कहा कि यह ऑस्ट्रेलिया की एक निवासी जगत तारिणी दासी जी के प्रयासों का नतीजा है। ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली जगतारिणी 13 साल से भी अधिक समय में वृंदावन में रहीं। उनका वृंदावन से ऐसा जुड़ाव हुआ कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में ही वृंदावन खड़ा कर दिया। यह गैलरी उसी का रूप है।
पीएम मोदी ने कहा कि ये भी एक दिलचस्प इतिहास है कि ऑस्ट्रेलिया का एक रिश्ता हमारे बुंदेलखंड के झांसी से भी है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जब ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ लड़ाई लड़ रही थीं तो उनके वकील जॉन लैंग मूल रूप से ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले थे। उन्होंने भारत में रहकर रानी लक्ष्मीबाई का मुकदमा लड़ा था। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे स्वतन्त्रता संग्राम में झांसी और बुंदेलखंड का कितना बड़ा योगदान है, ये हम सब जानते हैं। यहां रानी लक्ष्मीबाई और झलकारी बाई जैसी वीरांगनाएं भी हुईं। मेजर ध्यानचंद जैसे खेल रत्न भी इस क्षेत्र ने देश को दिए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम प्रकृति का संरक्षण करते हैं तो बदले में प्रकृति हमें भी संरक्षण और सुरक्षा देती है। उन्होंने कहा कि प्रकृति से हमारे लिये खतरा तभी पैदा होता है जब हम उसके संतुलन को बिगाड़ते हैं या उसकी पवित्रता नष्ट करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति मां की तरह हमारा पालन भी करती है और हमारी दुनिया में नए-नए रंग भी भरती है।
बढ़ रहा है 'मन की बात' का परिवार
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे वाकई बहुत अच्छा लगता है कि ‘मन की बात’ का हमारा ये परिवार निरंतर बड़ा तो हो ही रहा है, मन से भी जुड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कार्यक्रम से मकसद से भी जुड़ रहा है और हमारे गहरे होते रिश्ते, हमारे भीतर, निरंतर सकारत्मकता का एक प्रवाह, प्रवाहित कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि हमेशा की तरह इस बार भी मुझे NaMo App पर, MyGov पर आप सबके ढेर सारे सुझाव भी मिले हैं। आप लोगों ने मुझे अपने परिवार का एक हिस्सा मानते हुए अपने जीवन के सुख-दुख भी साझा किये हैं।

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