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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ का बहुत बड़ा निर्णय l

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ का बहुत बड़ा निर्णय ।
केन्द्र और राज्य सरकारों को सबक लेना चाहिए

 भोपाल से संपादित  राधावल्लभ शारदा के द्वारा  न्यूज महादण्ड.काम के लिए योगी ने खत्म किया 4 दशक पुराना कानून, सरकारी खजाने से नहीं, मंत्री अपनी जेब से भरेंगे इनकमटैक्स 
यदि सरकार के मुखिया यह सोच लें कि सभी लोकसभा, राज्यसभा सदस्य एवं विधायक जन सेवा के लिए राजनीति में आए हैं तो वेतन भत्तों सहित अन्य सुविधाएं नहीं लेना चाहिए । यदि ऐसा नहीं करते हैं तो फिर ये सब सरकारी नौकरी में हैं और बही नियम लागू होना चाहिए जो एक सरकारी कर्मचारी के लिए है ।

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के इनकम टैक्स के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुरानी व्यवस्था बंद करते हुए कहा है कि भविष्य में कोई भी कैबिनेट मंत्री या मुख्यमंत्री का आयकर रिटर्न सरकारी खजाने से नहीं भरा जाएगा. मंत्री या मुख्यमंत्री अब खुद अपना आयकर रिटर्न भरेंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी खजानों से टैक्स भरने पर रोक लगाई 
19 मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों का इनकम टैक्स भरती है उत्तर प्रदेश सरकार
पिछले 2 साल में योगी सरकार के मंत्रियों का 86 लाख टैक्स चुकाया गया
1981 में वीपी सिंह के काल में बनाई गई थी मंत्रियों के लिए खास सुविधा
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के इनकम टैक्स भरने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 4 दशक पुरानी व्यवस्था को खत्म करते हुए आदेश दिया है कि भविष्य में किसी भी कैबिनेट मंत्री या मुख्यमंत्री का आयकर रिटर्न सरकारी खजाने से नहीं भरा जाएगा. मुख्यमंत्री या मंत्री अब खुद अपना आयकर रिटर्न भरेंगे. दरअसल, अब तक सरकार मंत्रियों का सरकारी खजाने से आयकर रिटर्न दाखिल किया करती थी.
आजतक की एक रिपोर्ट सामने आने के बाद यूपी की योगी सरकार ने सरकारी खजाने पर बोझ पड़ने वाली पुरानी परपंरा को खत्म करने का ऐलान किया. इससे पहले आजतक ने खुलासा किया था कि राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री के अलावा 18 पूर्व मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकारी खजाने से भरा जाता है. साथ ही सरकार करीब 1,000 मंत्रियों का इनकम टैक्स भी जमा करेगी. ये मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और बीजेपी समेत कांग्रेस पार्टी से रहे हैं.
योगी सरकार के मंत्रियों का 86 लाख टैक्स चुकाया
जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों की तरफ से सरकार को इनकम टैक्स जमा करना था उनमें नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, मायावती, राजनाथ सिंह, अखिलेश यादव, और योगी आदित्यनाथ के नाम शामिल हैं. मुख्यमंत्रियों के इनकम टैक्स को अदा करने का यह बिल मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के कार्यकाल में पास हुआ था.
वर्तमान समय में योगी सरकार के दौरान 2 साल में जितने भी मंत्री रहे उनका 86 लाख का इनकम टैक्स सरकार ने ही अदा किया है. अब बाकी पुरानी रकम जो कि मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के नाम से जमा होनी है, उसे भी सरकार को ही अदा करना था, लेकिन अब नया फैसला आने के बाद सरकार की ओर से यह रिटर्न दाखिल नहीं किया जा सकेगा.
19 मुख्यमंत्रियों ने उठाया लाभ
उत्तर प्रदेश के मंत्रियों के वेतन, भत्ते और विविध अधिनियम-1981 के तहत एक कानून लागू किया गया था. उस समय मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप (वीपी) सिंह थे. तब से लेकर अब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, मायावती, कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, श्रीपति मिश्र, वीर बहादुर सिंह और नारायण दत्त तिवारी सहित 19 मुख्यमंत्रियों ने इस कानून का जमकर लाभ उठाया.
विधानसभा में जब यह अधिनियम पारित किया गया था, उस समय वीपी सिंह ने सदन को बताया था कि राज्य सरकार को मंत्रियों के आयकर का बोझ उठाना चाहिए, क्योंकि अधिकांश मंत्री गरीब पृष्ठभूमि से हैं और उनकी आय कम है. उत्तर प्रदेश ट्रेजरी ने वर्ष 1981 से अब तक लगभग सभी मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के आयकर बकाये का भुगतान किया है.
नेताओं ने साध ली चुप्पी
सरकारी खजाने से इनकम टैक्स भरे जाने के संबंध में जब पार्टी नेताओं से संपर्क किया गया तो विभिन्न राजनीतिक दलों का कोई भी प्रवक्ता इस पर टिप्पणी करने के लिए तैयार नहीं हुआ. समाजवादी पार्टी के एक नेता ने कहा कि पहले हम चर्चा करेंगे और इसके बाद ही इस पर टिप्पणी करेंगे. कांग्रेस के एक नेता का कहना है कि हालांकि वीपी सिंह सरकार ने कानून बनाया था, लेकिन इसका ज्यादातर लाभ गैर-कांग्रेसी सरकारों ने उठाया है.
उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि 80 के दशक की शुरुआत में राजनीतिक नेता गरीब पृष्ठभूमि से आए थे और उनका वेतन भी कम था. बाद में आई गैर-कांग्रेसी सरकारों ने मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के वेतन में वृद्धि की. उन्हें इस अधिनियम को रद्द करना चाहिए था.
जबकि राज्य में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक मंत्री ने कहा कि उन्हें अब तक इस गड़बड़ी के बारे में पता ही नहीं था. उन्होंने कहा कि उनके मेरे पास अपने खातों की जांच करने का समय नहीं है, लेकिन हम देखेंगे कि अब क्या किया जाना चाहिए. 
अभी तो उत्तर प्रदेश सरकार ने शुरुआत की है इसके बाद संभाबना है कि मध्यप्रदेश सरकार भी इसी तरह कुछ कर सकती हैं ।

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