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बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता अपने नेता को देते हैं हीरा सोना 

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*भोपाल से संपादित राधावल्लभ शारदा एवं उत्तर प्रदेश से प्रेमशंकर अवस्थी की रपट *
कान में डायमंड, सोने के कड़े और घड़ी, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा था- बहुजन समाज देता है गिफ्ट
बसपा सुप्रीमों  मायावती को कांशीराम ने बसपा की कमान उनके बहुजन समाज के उत्थान का जोश देखकर ही सौंपी थी। बहुजन समाज के प्रति अपने जीवन को समर्पित कहने वाली मायावती ने बहुजन समाज की तस्वीर बदलते-बदलते खुद में भी काफी बदलाव किया है। लंबे बाल से छोटे बाल, रंगीन और चटकदार लिबास से सोबर सूट, हाथ में घड़ी, कान में डायंमड के कुंडल आदि। मायावती अपने बदलाव को भी बहुजन समाज की इच्छा बताती रही हैं।

मायावती का जन्म दिन आर्थिक दिवस के रूप में मनाया जाता है। मायावती इस दिवस को मनाने की वजह भी बताई थी। मायावती का कहना था कि उनकी पार्टी में गरीब और पिछड़े वर्ग के लोग होते हैं और उनके छोटे-छोटे धन के सहयोग से ही पार्टी चलती है। उनके पार्टी को किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी या उद्योगपति चंदा नहीं देते हैं। ऐसे में वह अपने जन्मदिन को आर्थिक दिवस के रूप में मनाकर पार्टी के लिए चंदा जमा करती हैं।
टीवी शो आपकी अदालत में जब मायावती से होस्ट रजत शर्मा ने उनके जन्मदिन पर सौ किलो का लड्डू और 50 किलो के कटने वाले केक काटने के साथ ही महंगे उपहारों का जिक्र किया तो मायातवी ने तुंरत कहा कि वे उनके विरोधियों की बातें वह बोल रहे हैं।
मायावती कहना था कि उनका बहुजन समाज अपनी नेता का जन्मदिन मनाता है। वह अपनी नेता को जैसा देखना चाहता है वह वैसे ही रहती हैं। इसे भी पढ़ें- मायावती को बर्थडे पर बधाई न देने की अखिलेश यादव ने ठानी, मुलायम के बेटे का खत्म हुआ बुआ प्रेम

कान में डायमंड, हाथ में सोने की घड़ी, गले में सोने की चेन आदि पर भी मायावती पर खूब सवाल होते रहे हैं। इन सब सवालों पर मायावती ने पहले तो विपक्ष पर हमला किया फिर कहा था कि जो कुछ है वह सामने है। वह कुछ छुपाती नहीं। डायमंड अगर पहना है तो सामने ही पहना है ।
एक समय मायावती लंबी चोटी वाली सादगी से भरी नेता की छवि तोड़कर दबंग नेता की छवि में उतर आईं। इसे भी पढ़ें- राजा भैया की वादा खिलाफी पर मायावती ने जब अखिलेश यादव की चुटकी लेते हुए कहा था- कुंडा का गुंडा मेरी सरकार में लाइन पर आ गया था
नए शॉर्ट हेयरकट से लेकर बादामी रंग के लिबास को अपनी पहचान बनाने वाली मायावती एक समय विरोधी दलों की नजरों में कद्दावर नेता बन चुकी थीं।
कांशीराम के बहुजन समाज की कमान अपने हाथों में लेने वाली मायावती पिछले कई सालों से राजनैतिक परिवेश में कही गुम नजर आ रही थीं, लेकिन यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए एक बार उनकी मौजूदगी दोबारा नजर आने लगी

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