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मोदी सरकार के सात सालों की उपलब्धियां: पूर्व केंद्रीय मंत्री,  डोभाल व 25 दिग्गज नौकरशाहों ने किया कलमबद्ध ।

पिछले सात सालों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ में देश की कमान है और इस दौरान उन्होंने क्या-क्या किया है इसका लेखा जोखा आने को तैयार है जिसे पूर्व केंद्रीय मंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल व 25 दिग्गज नौकरशाहों ने कलमबद्ध किया है । पिछले सात सालों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ में देश की कमान है और इस दौरान उन्होंने क्या-क्या किया है इसका लेखा जोखा आने को तैयार है जिसे पूर्व केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल व 25 दिग्गज नौकरशाहों ने कलमबद्ध किया है। ओकब्रिज द्वारा प्रकाशित इस किताब का अनावरण 9 अगस्त को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा किया जाएगा। नरेंद्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ  पहली बार 26 मई, 2014 को  ली थी और दूसरी बार 30 मई, 2019 को।
 शीर्षक वाली इस किताब का संपादन रिटायर आइएएस और पूर्व केंद्रीय मंत्री केजे एलफॉन्स  ने किया है। इसकी प्रस्तावना  अजीत डोभाल ने लिखी है।  एलफॉन्स ने कहा है,' यह किताब उन्हें भी पढ़ना चाहिए जिन्हें मोदी से लगाव है और उन्हें भी जो प्रधानमत्री मोदी से नफरत करते हैं।
7 साल का लेखा-जोखा 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने सांसदों से कई बार कहा है कि जनता को सरकार का रिपोर्ट कार्ड दें। पूरी तरह से तैयार न हो पाने के कारण कई केंद्रीय योजनाओं को लोगों तक पहुंचने में देर हो रही है। लेकिन अब नहीं क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई योजनाओं का लेखा-जोखा और पूरा आंकड़ा कागजातों पर उपलब्ध होगा।
केरल से सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री अल्फोंस ने किताब के बारे में बताते हुए कहा कि इस तरह का काम पहले नहीं किया गया है और यह मोदी सरकार की उपलब्धियों का दस्तावेज है। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार के काम-काज के प्रति उत्सुकता रखने वालों को यह जरूर पढ़नी चाहिए।एलफॉन्स के अनुसार, कई नौकरशाहों का मानना है कि सरकार लोगों के प्रति जवाबदेह है और इस प्रकार विकास और सुधारों के तथ्यों और आंकड़ों को एकसाथ सूचीबद्ध करने के लिए इस तरह की एक पहल की आवश्यकता है ।
NSA डोभाल ने लिखी है प्रस्तावना
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने पुस्तक की प्रस्तावना लिखी है। इसमें उन्होंने सिविल सेवकों की सराहना की है। उन्होंने लिखा, 'सुरक्षा के मोर्चे पर, सीमा पार आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति के नतीजे सामने आए हैं। FATF सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकी की मदद करने में पाकिस्तान की मिलीभगत को उजागर किया गया है।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने पीएम मोदी को एक सुधारक के रूप में रेखांकित किया है। उन्होंने कहा, सशक्तिकरण पिछले सात वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के सुधार एजेंडे के मूल में रहा है। एक दूरदराज के गांव में एक छात्र को शिक्षा तक पहुंचने के लिए सशक्त बनाने, एक परिवार को एलपीजी कनेक्शन सुरक्षित करने में सक्षम बनाने, एक छोटे व्यवसायी को मदद करने जैसे छोटे लेकिन महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।'
इस किताब को पूर्ण रूप देने में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, पूर्व रक्षा सचिव मोहन कुमार, पूर्व गृह सचिव एलसी गोयल और शक्ति सिन्हा जैसे नाम शामिल हैं। इसके अलावा पूर्व शिक्षा सचिव वृंदा सरूप, पूर्व कृषि सचिव आशीष बहुगुणा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभा के पूर्व सचिव प्रीति सूदन, पीएम के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य अनंत नागेश्वरन, प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल, हीरो मोटर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष और सीईओ पवन मुंजाल, राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के मिशन निदेशक भरत लाल, पूर्व सचिव (वन) सीके मिश्रा, पूर्व श्रम सचिव गौरी कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव जुगल महापात्र, पूर्व सीआईसी सुधीर भार्गव, पूर्व आईएएस एस मछेंद्रनाथन, पूर्व संस्कृति सचिव रविंदर सिंह,और कुछ पूर्व मुख्य सचिव शामिल हैं ।

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