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एक बुरी आदत की वजह से रेलवे के 1200 करोड़ रुपये फालतू खर्च होते हैं.

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एक बुरी आदत की वजह से  रेलवे के 1200 करोड़ रुपये फालतू खर्च होते हैं. 

भोपाल से संपादित लवली खनूजा एवं वेदप्रकाश रस्तोगी की रपट,
रेलवे अब हर साल बर्बाद होने वाले ये 1200 करोड़ रुपये बचाने का एक जबरदस्त प्लान तैयार कर लिया है. इसके तहत यात्रियों को रेलवे परिसर में थूकने से रोकने के लिए अब 42 स्टेशनों पर वेंडिंग मशीन और कियोस्क लगाए जाएंगे. पीटीआई की खबर के मुताबिक, रेलवे की ओर से इस वेंडिंग मशीन में 5 और 10 रुपये तक के स्पिटून पाउच (पाउच वाला थूकदान) दिए जाएंगे.
रेलवे के 3 जोन- पश्चिम, उत्तर और मध्य रेलवे ने इसके लिए नागपुर के एक स्टार्टअप ईजीपिस्ट को कॉन्ट्रैक्ट दिया है. इस पीकदान की खासियत है कि इसे कोई भी शख्स आसानी से अपनी जेब में रख सकता है. इन पाउच की मदद से यात्री बिना किसी दाग के कहीं भी कभी भी थूक सकता है. यानी अब 1200 करोड़ रुपये बर्बाद नहीं होंगे. 
आपको बता दें कि इन बायोडिग्रेडेबल पाउच को 15-20 बार इस्तेमाल किया जा सकता है. दरअसल, ये थूक को ठोस पदार्थ में बदल देता है. एक बार पूरी तरह से इस्तेमाल करने के बाद इन पाउचों को मिट्टी में डाल दिया जाता है, जिसके बाद ये पूरी तरह से घुल जाते हैं. यानी इससे प्रदूषण का खतरा भी नहीं राहत है. बता दें कि नागपुर की स्टार्टअप कंपनी ने स्टेशनों पर इन वेंडिंग मशीन को लगाना शुरू कर दिया है. उन्होंने नागपुर नगर निगम और औरंगाबाद नगर निगम के साथ करार किया है ।

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