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सीमावर्ती राज्यों में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का दायरा 15 किमी से बढ़ाकर 50 किजिनमी किया उन राज्यों में पुलिस के समानांतर काम नहीं करेगी बीएसएफ।

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 सीमावर्ती राज्यों में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का दायरा 15 किमी से बढ़ाकर 50 किजिनमी किया उन
राज्यों में पुलिस के समानांतर काम नहीं करेगी बीएसएफ।

भोपाल से संपादित राधावल्लभ शारदा एवं लवली खनूजा की रपट, संपादक की टिप्पणी -- जब से केंद्र में भाजपा एवं सहयोगी दलों के साथ सत्ता में आई है तब से विपक्षी दल सरकार पर किसी न किसी रूप में हमला कर रही है । केंद्र सरकार ने विदेशी नागरिकों , तस्करी , और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल का जांच करने  का दायरा बढ़ाने के निर्णय लिया तभी से प्रदेशों में सत्ता धारी सरकारों ने विरोध शुरू कर दिया है , बंगाल में तृणमूल , पंजाब में कांग्रेस की सरकार है जिन्हें देश की सुरक्षा से मतलब नहीं उनका उद्देश्य केंद्र सरकार का विरोध है , कहीं ऐसा तो नहीं है कि इन प्रदेशों में सीमावर्ती देश के नागरिकों के द्वारा अवैध गतिविधियां चलती है जिसमें इन प्रदेशों के नागरिकों का सहयोग हों । भारत के नागरिकों के लिए देश पहले होना चाहिए फिर राजनीतिक दल ,
 सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) महानिदेशक पंकज कुमार सिंह ने मंगलवार को कहा कि जिन सीमावर्ती राज्यों में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का दायरा 15 किमी से बढ़ाकर 50 किमी किया गया है वहां वह पुलिस के समानांतर काम नहीं करेगी। उल्लेखनीय है हाल ही में केंद्र ने सीमावर्ती राज्यों में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 15 किमी से बढ़ाकर 50 किमी कर दिया है। इसका अधिकार क्षेत्र केवल पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम और पासपोर्ट अधिनियम के तहत प्राप्त शक्तियों के संबंध में बढ़ाया गया है। यह उन लोगों के लिए है जो सीमा प्रवेश नियमों का उल्लंघन करते हैं।
उन्होंने कहा कि घुसपैठ एक बड़ा मुद्दा है, जिसके कारण त्रिपुरा और असम में आंदोलन देखा गया और बंगाल में कई जिलों में जनसांख्यिकीय असंतुलन हुआ है। उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि विस्तारित अधिकार क्षेत्र में बीएसएफ द्वारा किए गए किसी भी आपरेशन के मामले में, स्थानीय पुलिस थाने में ही प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और स्थानीय पुलिस ही इसकी जांच करेगी। हम पुलिस के समानांतर काम नहीं करने जा रहे हैं। इस संबंध में भ्रम फैलाया गया है।
उन्होंने कहा कि एनडीपीएस अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और सीमा शुल्क अधिनियम के मामले में क्षेत्राधिकार नहीं बदला गया है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने सीमाओं पर निगरानी के लिए राडार और ड्रोन लगाए हैं। पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमाओं के लगभग 80 प्रतिशत क्षेत्र में, रात के दौरान घुसपैठ पर रोक लगाने के लिए फ्लड लाइट लगाई गई हैं। भारत सरकार सीमा सुरक्षा पर बहुत खर्च कर रही है। हम तेज रोशनी के लिए एलईडी लाइटें लगा रहे हैं। घुसपैठ पर रोक लगाने के लिए हमारे पास अन्य नाइट विजन डिवाइस हैं। हमारे पास नाइट विजन सक्षम ड्रोन भी हैं।
उन्होंने कहा कि सीमा पर ड्रोन का उपयोग करके ड्रग्स और गोला-बारूद गिराया जा रहा है। ऐसी गतिविधियों पर नजर रखना मुश्किल है। लेकिन इस चुनौती से निपटने को हम एंटी-ड्रोन तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2020 में, बीएसएफ ने अवैध रूप से बांग्लादेश की सीमाओं को पार करने के लिए लगभग 3,200 लोगों को पकड़ा गया।सिंह ने कहा कि बीएसएफ में हमारे पास 7,500 महिला कर्मी हैं जिनमें 139 अधिकारी हैं। उन्हें सुरक्षा और तलाशी के लिए सीमाओं के सभी प्रवेश बिंदुओं पर तैनात किया जाता है।

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