सत्ता का लालच या भय यह तो मंडल ही बता सकते हैं ?
भोपाल - न्यूज महादण्ड . काम के लिए संपादित लवली खनूजा के द्वारा ,ममता की जीत के बाद बदल गए बीजेपी सांसद के सुर, बोले- मैं टीएमसी का सांसद हूं।
विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी से बीजेपी में गए सांसद सुनील मंडल ने दावा किया है कि वो कभी बीजेपी में गए ही नहीं थे। वो टीएमसी में थे और टीएमसी में ही रहेंगे।
ममता बनर्जी औऱ सुनील मंडल
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में वापस आने पर बीजेपी में गए नेता फिर ले पाला बदल रहे हैं। अभी तक ये नेता टी एम सी में घर वापसी कर रहे थे, लेकिन अब एक सांसद ने अजीब ही दावा कर दिया है। सांसद ने दावा किया है कि वो कभी बीजेपी में गए ही नहीं।
ममता बनर्जी की जीत के बाद से ही पार्टी छोड़कर बीजेपी में गए नेताओं के सुर बदल गए हैं। ताजा नाम बर्द्धमान सीट से सांसद सुनील मंडल का है। सुनील मंडल विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी छोड़ बीजेपी में चले थे, लेकिन अब वो दावा कर रहे हैं कि वो कभी बीजेपी में गए ही नहीं।
सुनील चुनाव से पहले भले ही बीजेपी में चले गए थे लेकिन उन्होंने सांसद के पद से इस्तीफा नहीं दिया था। इससे पहले टीएमसी ने पार्टी छोड़कर गए सांसदों की सदस्यता रद्द करने के लिए लोकसभा स्पीकर से अनुरोध किया था, जिसमें सुनील मंडल का नाम भी शामिल था। इसके बाद मंडल ने गुपचुप तरीके से टीएमसी नेता मुकुल राय से मुलाकात की थी। मुकुल राय भी पहले टीएमसी छोड़ बीजेपी में गए थे, लेकिन चुनाव के बाद वापस टीएमसी में आ गए ।
सुनील मंडल ने बीजेपी में शामिल होने पर कहा कि वो सुभेंदू अधिकारी के साथ मंच पर जरूर गए थे, लेकिन उन्होंने कभी सदस्यता नहीं ली। झंडा नहीं पकड़ा। ना तो उन्होंने टीएमसी से इस्तीफा दिया है, ना ही टीएमसी ने उन्हें पार्टी से निकाला है। कुछ गलतफमियां हो गई थी ।
बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद से मंडल लगातार भाजपा के शीर्ष नेताओं पर टिप्पणी कर रहे थे। मंडल ने सुभेंदू अधिकारी पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि उन्होंने जो वादा किया था वो कभी पूरा नहीं किया। इससे पहले मंडल सीआरपीएफ को वाई प्लस सुरक्षा भी हटाने के लिए पत्र लिख चुके हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला दिया था। ये सुरक्षा उन्हें केंद्र की मोदी सरकार की ओर से मिली थी। सुनील मंडल को मुकुल राय का करीबी माना जाता रहा है।