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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़ा फैसला राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड का नाम बदला ।

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भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बड़ा फैसला! `राजीव गांधी खेल रत्न` अवॉर्ड का नाम बदला ।

**भोपाल से व्यंकटेश शारदा की रपट न्यूज महादण्ड.काम के लिए संपादित ** पिछले 65 वर्ष से लगभग यह देखने में आया है कि सड़क , तालाब , स्कूल कालेज आदि के नाम नेहरू परिवार के सदस्यों के नाम पर रखा गया है । कुछ नाम विदेशियों ने अपने लोगों के नाम पर रखा , परंपरा चली आ रही है उसमें बदलाव देश एवं प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने से हुआ है । देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का कदम सराहनीय है ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बड़ा फैसला! 'राजीव गांधी खेल रत्न' अवॉर्ड का नाम बदला
   
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अनेक देशवासियों ने आग्रह किया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए. लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है.
नई दिल्ली: खेल रत्न पुरस्कार को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. खेल के क्षेत्र में दिए जाने वाले सबसे बड़े अवॉर्ड राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर अब हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया गया है. इस अवॉर्ड को अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार  के नाम से जाना जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. बता दें कि हर साल मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन यानी 30 अगस्त को खेल से जुड़े अवॉर्ड्स दिए जाते हैं. 
**पीएम मोदी ने दी जानकारी **
शुक्रवार को पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रयासों से हम सभी अभिभूत हैं. विशेषकर हॉकी में हमारे बेटे-बेटियों ने जो इच्छाशक्ति दिखाई है, जीत के प्रति जो ललक दिखाई है, वो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है.'
**मेजर ध्यानचंद को किया समर्पित**
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए. लोगों की भावनाओं को देखते हुए इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है. जय हिंद!'
पीएम मोदी ने एक और ट्वीट में कहा, 'मेजर ध्यानचंद भारत के उन अग्रणी खिलाड़ियों में से थे जिन्होंने भारत को सम्मान और गौरव दिलाया. देश का सर्वोच्च खेल सम्मान उन्हीं के नाम पर रखा जाना चाहिए.'
**खेल रत्न का इतिहास****
इस अवॉर्ड को खेल के क्षेत्र में सराहना और जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 1991-92 में शुरू किया गया था. तब इसका नाम देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था

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