उत्तर प्रदेश

भगवान बुद्ध के अनुयाइयों ने अलीगंज नगर में धूमधाम से निकाली धम्मयात्रा

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एटा : भारतवर्ष मैं सर्व धर्म समभाव के मौलिक अधिकार के साथ आज तथागत भगवान बुद्ध की धम्म यात्रा, धम्म स्थल ग्राम अगौनापुर, अलीगंज से पूरे धार्मिक अनुष्ठानों के उपरांत नगर अलीगंज मैं विभिन्न मार्गों पर गाजेबाजे और झांकियों के साथ हजारों धर्म अनुयायियों के साथ बड़े हर्षोल्लास के साथ निकाली गई।
धम्म यात्रा का शुभारंभ  पालिका अध्यक्ष अलीगंज ब्रजेश कुमार गुप्ता व भाजपा नेता अशोकरत्न शाक्य, लोकपाल शाक्य, अरविंद शाक्य प्रधान ने भंते जी के द्वारा पूजन कर  किया।  भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के 49 दिनों के बाद उनसे पढ़ाने के लिए अनुरोध किया गया था। इस अनुरोध के परिणामस्वरूप योग द्वारा बुद्ध ने धर्म के पहले चक्र को पढ़ाया था। इन शिक्षणों में चार आर्य सत्य और अन्य प्रवचन सूत्र शामिल थे जो हीनयान और महायान के प्रमुख श्रोत थे।
भगवान गौतम बुद्ध ने कहा कि प्राणी स्वयं अपने कर्मों के स्वामी हैं। वे अपने कर्मों की ही विरासत पाते हैं। अपने कर्मों से ही उत्पन्न होते हैं और अपने कर्मों के बंधन में बँधते हैं। उनके कर्म ही उनके शरणदाता हैं। किसी ने कहा कर्म 'सोच' है। तो किसी ने कहा कर्म भावना है, वगैरा-वगैरा….। अपने सारे शिष्यों का जवाब सुनने के बाद महात्मा गौतम बुद्ध जी ने बताया कि कर्म हर एक इंसान की खुद के विचार होते हैं। हमारे विचार जैसे रहेंगे, हम वैसे ही कर्म करेंगे और उन्ही विचारों के द्वारा की हुई कर्म हमारे सुख और दुख के लिए उत्तरदाई होंगे। अष्टमार्ग के सूत्र---शुद्ध ज्ञान, शुद्ध संकल्प, शुद्ध वार्तालाप, शुद्ध कर्म, शुद्ध आचरण, शुद्ध प्रयत्‍‌न, शुद्ध समृति, शुद्ध समाधि। मनुष्य के लिए सुख और दुःख का निर्णय उसके द्वारा किये गए कर्म निश्चित करते हैं, वही  तर्क शास्त्र के प्रणेता भी वही माने जाते हैं।
धम्म यात्रा का नगर के हर गली चौराहे पर नागरिकों ने पुष्प वर्षा कर किया। समापन नगर के.बी.पी सिंह महाविद्यालय के प्रांगण में हुआ। कार्यक्रम मे अरुण शाक्य, पवन शाक्य, एडवोकेट विशेष शाक्य, सम्यक शाक्य, सर्वेश शाक्य सहित बड़ी संख्या मे धर्म अनुयायियों के साथ पुलिस बल मौजूद रहा।

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