none

सचिन पायलट समर्थकों को विधानसभा की 19 समितियों में मिला स्थान l

none

सचिन पायलट समर्थकों को
विधानसभा की 19 समितियों में मिला स्थान ।
राजनीतिक समस्या की उठा पटक समाप्त ।
**जयपुर से रामदयाल मीणा की रपट**
 बचपन में स्कूल में कुर्सी दौड़ हुआ करती थी अब कुर्सी की दौड़ राजनीति में होने लगी है , हों भी क्यों नहीं ,जिस तरह मीडिया व्यापार बन गया है उसी तरह राजनीति भी व्यापार बन गई है ।

राजस्थान में सचिन पायलट समर्थक मुरारी लाल मीणा को जनलेखा समिति वेद प्रकाश सोलंकी को विशेषाधिकार समिति राकेश पारीक को नियम समिति रामनिवास गावड़िया को पुस्तकालय समिति जीआर खटाणा को याचिका समिति में शामिल किया गया है
 राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस में जारी खींचतान के बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के निर्णय से साफ हो गया कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी का इस्तीफा स्वीकार नहीं होगा। अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य सही तरीके से नहीं होने और सरकार में अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए चौधरी ने विधानसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा ईमेल और डाक से अध्यक्ष को भेज दिया था। उनके इस्तीफ को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। जोशी ने विधानसभा की 19 विभिन्न समितियों का गठन कर दिया है। इनमें से एक राजकीय उपक्रम समिति का सभापति चौधरी को बनाया गया है। उन्हें सभापति बनाने से साफ हो गया चौधरी का इस्तीफा स्वीकार होने वाला नहीं है।
कांग्रेस नेताओं का मानना है कि अगर उनका इस्तीफा स्वीकार करना होता तो चौधरी को सभापति नहीं बनाया जाता। जोशी ने सदाचार समिति के सभापति पद पर दीपेंद्र सिंह शेखावत को नियुक्त किया है। सदस्य के रूप में पायलट, रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह को बनाया गया है। ये सभी एक ही खेमे के नेता हैं। पायलट समर्थक मुरारी लाल मीणा को जनलेखा समिति, वेद प्रकाश सोलंकी को विशेषाधिकार समिति, राकेश पारीक को नियम समिति, रामनिवास गावड़िया को पुस्तकालय समिति, जीआर खटाणा को याचिका समिति में शामिल किया गया है। इसी तरह पायलट खेमे के इंद्रराज गुर्जर को आश्वासन समिति, अमर सिंह को अनुसूचित जाति कल्याण समिति, वीरेंद्र सिंह को राजकीय उपक्रम समिति और हरीश मीणा को एस्टीमेट समिति में शामिल किया गया है। 

 सचिन पायलट बोले, कांग्रेस नेतृत्व के निर्णय को सभी स्वीकार करते हैं
इधर, राजस्थान कांग्रेस का सियासी संग्राम खत्म करने के लिहाज से प्रदेश अध्यक्ष सहित सत्ता व संगठन से जुड़े सभी फैसले करने को लेकर पार्टी आलाकमान ने कसरत शुरू कर दी है। सबसे पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मौजूदा अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के स्थान पर किसी दूसरे नेता को यह जिम्मेदारी सौंपे जाने पर विचार किया जा रहा है। राष्ट्रीय नेताओं के एक समूह का मानना है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को फिर अध्यक्ष बना दिया जाए। वह पहले भी अध्यक्ष थे, लेकिन पिछले साल बगावत के समय उन्हें हटाकर डोटासरा को यह पद सौंपा था। डोटासरा राज्य सरकार में शिक्षामंत्री होने के साथ ही सीएम के विश्वस्त हैं, लेकिन उनके रूखे व्यवहार के कारण विधायक और नेता नाराज हैं। शिकायत आलाकमान तक भी पहुंची है। ऐसे में पायलट के नाम पर विचार किया जा रहा है, हालांकि वे अध्यक्ष बनने को तैयार नहीं है।

Follow Us On You Tube