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आप की प्रगति देव की प्रगति - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब बस स्टैंड पर चाय बेचने वाले शख्स से PM मोदी ने कहा- आप भी मेरी तरह चायवाले हैं

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आप की प्रगति देव की प्रगति - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
जब बस स्टैंड पर चाय बेचने वाले शख्स से PM मोदी ने कहा- आप भी मेरी तरह चायवाले हैं

भोपाल से संपादित लवली खनूजा एवं वैंकटेश शारदा की रपट, टिप्पणी - आदमी कितना ही बड़ा हो जाय उसे अपना अतीत नहीं भूलना चाहिए गोवा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पुराने दिनों की याद ताजा कर शेयर की ,
: पीएम मोदी ने  
 एक डिजिटल कार्यक्रम के दौरान गोवा के चाय बेचने वाले एक दिव्यांग विक्रेता से बातचीत की. इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपने अतीत को याद किया.
: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक डिजिटल कार्यक्रम के दौरान गोवा के चाय बेचने वाले एक दिव्यांग विक्रेता से बातचीत की. इस दौरान प्रधानमंत्री ने ‘चाय वाला’ के तौर पर अपने अतीत को याद किया और कुछ किस्से शेयर किए. बता दें कि पीएम मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत स्वयंपूर्ण गोवा कार्यक्रम’ के चुनिंदा लाभार्थियों और हितधारकों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत की.
''आप भी मेरी तरह चायवाले हैं''
        प्रधानमंत्री मोदी ने दिव्यांग व्यवसायी और वास्को शहर के पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी रुर्की अहमद राजासाहेब से कहा, ‘‘आप भी मेरी तरह चायवाले हैं.’’ राजासाहेब कदम्बा परिवहन निगम के बस स्टैण्ड के बाहर चाय की दुकान चलाते हैं. राजासाहेब केंद्र सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का विस्तार ‘स्वयंपूर्ण गोवा’ कार्यक्रम की दिव्यांग श्रेणी के लाभार्थियों में से एक हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि कैसे उन्होंने दिसंबर 2020 में ‘‘स्वयंपूर्ण गोवा’’ योजना के लिए शिविर में भाग लिया और उसके बाद लाभार्थी बने.
आप की प्रगति से देश की प्रगति
        इसके साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार दिव्यांगजनों को सम्मानजनक जिंदगी देने के लिये काम कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार आपके साथ है. अगर आप प्रगति करेंगे, तो देश प्रगति करेगा.’’उन्होंने कहा कि गोवा में आत्मानिर्भर भारत के लिए आवश्यक सब कुछ है और ये डबल इंजन की सरकार के कारण संभव था. 
प्रधान मंत्री मोदी ने आगे कहा कि आने वाले वर्षों में, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्वयंपूर्ण कार्यक्रम की सबसे बड़ी ताकतों में से एक होगा. विशेष रूप से मछली प्रसंस्करण के क्षेत्र में गोवा देश की ताकत बन सकता है. पूर्वी एशियाई देशों में संसाधित होने के बाद भारत की मछली वैश्विक बाजारों में पहुंचती है. इसे बदलने के लिए मत्स्य पालन क्षेत्र को पहली बार बड़े पैमाने पर सहायता प्रदान की जा रही है.

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