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कोरोना , रेलवे ने करीब 4 करोड़ बुजुर्ग यात्रियों एवं देश के समस्त अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों से वसूला पूरा किराया

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कोरोना , रेलवे ने करीब 4 करोड़ बुजुर्ग यात्रियों एवं देश के समस्त अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों से वसूला पूरा किराया

भोपाल से संपादित राधावल्लभ शारदा एवं लवली खनूजा की रपट , संपादक की टिप्पणी -- कोरोना से पहले देश के समस्त अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को यात्रा के दौरान 50 प्रतिशत रियायत मिलती थी बह बंद कर दी गई है । एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर रियायत देने का अनुरोध किया है ,
मध्य प्रदेश के रहने वाले चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर एक आरटीआई के जवाब में रेलवे ने कहा है कि 22 मार्च, 2020 से सितंबर 2021 के बीच 37,850,668 वरिष्ठ नागरिकों ने ट्रेनों में यात्रा की है. इस दौरान लॉकडाउन के चलते कई महीनों तक ट्रेन सेवाओं को निलंबित रखा गया था. 
बता दें कि वरिष्ठ नागरिकों को भारतीय रेलवे में मिलने वाली रियायतों की बात करें तो महिलाओं को 50 फीसदी छूट मिलती है, जबकि पुरुषों को 40 फीसदी रियायत मिलती है. जिसके लिए महिलाओं की न्यूनतम आयु सीमा 58 साल और पुरुषों के लिए 60 वर्ष  है 
, पिछले दो दशकों में रेलवे से मिलने वाली छूट पर कई बार बात हो चुकी है. जिसमें कई समितियों ने उन्हें वापस लेने की सिफारिश की है. इसी वजह से जुलाई 2016 में रेलवे ने टिकट बुक करवाते समय बुजुर्गों को मिलने वाली छूट को वैकल्पिक बना दिया 
निजी क्षेत्र के एक रिटायर्ड कर्मचारी तापस भट्टाचार्य ने इस बारे में कहा, "नियमित ट्रेन सेवाओं के चलने के साथ, कम-से-कम वरिष्ठ नागरिकों को पहले दी जाने वाली रियायतें बहाल की जानी चाहिए. अधिकांश बुजुर्ग पूरे किराए का भुगतान नहीं कर सकते हैं." 
हाल ही में लेटर के जरिए से मदुरै के सांसद सु वेंकटेशन ने केंद्रीय रेल मंत्री से अपनी रेल यात्रा के लिए यात्री रियायतों को बहाल करने की अपील करते हुए कहा था कि यह उस देश में बुजुर्गों के लिए आवश्यक है जहां 20 प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे

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