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काला पानी और जेल दोनों में बहुत फर्क है इस अंतर को देश के नागरिकों को समझना होगा

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 *भोपाल से संपादित राधावल्लभ शारदा एवं वेदप्रकाश रस्तोगी की रपट*
कितने कांग्रेसियों को हुई काला पानी की सजा? किताब दिखा पूछने लगीं रुबिका लियाकत, कांग्रेस नेता ने उसी अंदाज में दिया ज़वाब
टीवी एंकर रुबिका लियाकत ने कांग्रेस नेता से पूछा, ‘कितने कांग्रेसियों को हुई है काला पानी की सजा?’ इसके जवाब में सलमान निजामी ने कहा, ‘बीजेपी इतिहास बदलना चाहती है।’

          रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि विनयाक दामोदर सावरकर के ‘दया याचिका’ दायर करने को एक ख़ास वर्ग ने गलत तरीके से फैलाया और सावरकर ने जेल में सज़ा काटते हुए अंग्रेज़ों के सामने दया याचिका महात्मा गांधी के कहने पर दाखिल की थी। राजनाथ के इस बयान पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। ‘एबीपी न्यूज़’ के कार्यक्रम ‘हुंकार’ में इसको लेकर चर्चा भी हुई।

     कांग्रेस नेता सलमान निजामी ने इस मुद्दे पर कहा, ‘बीजेपी इतिहास बदलना चाहती है ये कोई नई बात नहीं है। ये लोग कह रहे हैं कि इतनी जेल हमने काटी है। सबूत मेरे सामने है कि पंडित नेहरू ने 3,260 दिन जेल काटी थी और महात्मा गांधी ने ढाई हजार दिनों से ज्यादा जेल काटी थी। इन्होंने साबित कर दिया कि इन्हें कुछ मालूम ही नहीं है। रक्षा मंत्री के बयान से साबित हो गया है कि सावरकर ने दया याचिका दायर की थी।’
      एंकर रुबिका लियाकत पूछती हैं, ‘क्या आपको काला पानी और जेल के बीच में अंतर पता है? पहले आप मुझे दोनों के बीच का अंतर ही बता दीजिए। काला पानी की सजा किसने पाई और कितने दिनों तक पाई? अगर आपको अंतर नहीं पता तो मैं आपसे बहस ही क्यों कर रही हूं।’ सलमान इस पर नाराज़ होते हुए कहते हैं, ‘कांग्रेसी इस देश की हर जेल में थे। आपको तो इतिहास के बारे में कुछ जानकारी ही नहीं है। आप सिर्फ मुझे इतना बताइए कि महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से कब वापस आए थे? जब सावरकर ने दया याचिका दी थी तो महात्मा गांधी तो भारत में ही नहीं थे।’
           कांग्रेस नेता का बयान: रुबिका कहती हैं, ‘मैं यहां किताबें लेकर बैठी हूं कोई हवा में बात नहीं कर रही हूं। मैं पढ़कर भी सुना सकती हूं? आज मुझे इतिहास की क्लास लेनी पड़ रही है। 26 मई 1920 को गांधी जी ने लिखा है कि भारत सरकार और प्रातों की सरकार की वजह से कई कैदियों को शाही माफी का लाभ प्राप्त हुआ है। परंतु अभी कुछ दोषी हैं जिन्हें छोड़ा नहीं गया है। इनमें मैं सावरकर बंधुओं को गिनता हूं।’ सलमान कहते हैं, ‘आप लोगों को इस बारे में कुछ नहीं पता है। सावरकर ने इस देश के तिरंगे को भी नहीं अपनाया था।
            वरिष्ठ पत्रकार अभिज्ञान प्रकाश कहते हैं, ‘सावरकर पर गांधी की हत्या में साजिश करने का आरोप लगाया जाता है। लेकिन वो इस पर निर्दोष साबित होते हैं। अब ये बहुत जरूरी बात है कि पहले हमें इस किताब को लेकर पढ़ना चाहिए। कांग्रेस नेता को भी ऐसा ही करना चाहिए

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