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सही विषय-वस्तु (कंटेंटे) भारतीय सिनेमा को विश्‍वभर के दर्शकों तक ले जा सकती है: अनुराग सिंह ठाकुर

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सही विषय-वस्तु (कंटेंटे) भारतीय सिनेमा को विश्‍वभर के दर्शकों तक ले जा सकती है:  अनुराग सिंह ठाकुर

फिल्में हमारी आकांक्षाओं और सपनों को दर्शाती हैं 

सेमखोर: दिमासा भाषा की पहली फिल्म आईएफएफआई में दिखाई जाएगी

समारोह में दिखाई जाने वाली पहली फिल्म वेद-द विजनरी (गैर-फीचर - भारतीय पैनोरमा), एक फिल्म निर्माता के संघर्ष और जीवटता की कहानी है ।
उद्घाटन समारोह ने दर्शकों को इस वर्ष के लिए भारतीय पैनोरमा 2021 श्रेणी के तहत आईएफएफआई के 24 फीचर और 20 गैर-फीचर फिल्मों के आधिकारिक चयन से परिचित कराया।
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने श्री अनुराग सिंह ठाकुर के साथ सेमखोर (फीचर) और वेद- द विजनरी (गैर-फीचर) के फिल्म निर्माताओं व टीम को सम्मानित किया तथा उन्हें भागीदारी का प्रमाण पत्र प्रदान किया।
केंद्रीय मंत्री ने फिल्म निर्माताओं को बधाई देते हुए कहा, “आप सभी ने देश के दूर-दराज के हिस्‍सों से कहानियों को सामने लाने के प्रयास के दौरान संघर्ष किया है। अब, विषय-वस्तु ही अहम है और अगर आप सही विषय-वस्तु का सृजन करते हैं, तो यह न केवल राष्‍ट्रीय बल्कि अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर तक जाएगी। हमारे बीच प्रतिभा है और आप सभी के सहयोग से हम आईएफएफआई को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। उन्होंने स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर को भी याद किया, जिन्होंने आईएफएफआई को गोवा के तटों पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
उन्होंने यह भी कहा कि "पहले हमने देखा कि फिल्म समारोहों में केवल अभिनेताओं, निर्देशकों और निर्माताओं को सम्मानित किया जाता था, लेकिन अब हम तकनीशियनों जैसे पृष्ठभूमि के लोगों को भी सम्मानित कर रहे हैं, जो फिल्म को पूरा करते हैं।" उन्होंने अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं से भारत में आकर शूटिंग करने का भी आग्रह किया।
सभा को संबोधित करते हुए, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल, श्री राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कहा, "मैं कोई फिल्म समीक्षक या उत्साही सिनेमा प्रेमी नहीं हूं, लेकिन मैंने हमेशा भारतीय पैनोरमा को देखा है, हमारी फिल्में हमारे समाज कैसे दर्शाती हैं। मैं यह गर्व के साथ कह सकता हूं कि भारतीय फिल्मों ने हमारे समाज की आकांक्षाओं, जरूरतों और संघर्षों को खूबसूरती से दिखाया है।”
फीचर फिल्म श्रेणी में शुरुआती फिल्म- सेमखोर, जिसे भारतीय पैनोरमा सेक्‍शन में प्रदर्शित किया गया था, भारतीय पैनोरमा सेक्‍शन में प्रदर्शित होने वाली दिमासा भाषा की पहली फिल्म है। फिल्म के निर्देशक एमी बरुआ ने फिल्म के सम्मान और मान्यता के लिए आईएफएफआई को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सेमखोर फिल्म सामाजिक वर्जनाओं से संबंधित है और फिल्म के माध्यम से उन्होंने असम के दिमासा समुदाय के संघर्षों को सामने लाने की कोशिश की।

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