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तीन कृषि कानून पर संसद की मुहर बाकी, जानिए कैसे खत्म होंगे तीनों कृषि कानून

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तीन कृषि कानून पर संसद की मुहर बाकी, जानिए कैसे खत्म होंगे तीनों कृषि कानून

भोपाल से संपादित राधावल्लभ शारदा एवं दिल्ली से वेदप्रकाश रस्तोगी की रपट ,
लंबे समय तक विरोध झेलने के बाद मोदी सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है। पीएम मोदी ने खुद शुक्रवार को इसकी घोषणा की। हालांकि, कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही रोक लगा रखी थी। लेकिन पीएम मोदी के ऐलान के बाद कानूनों को खत्म करने के लिए सरकार को संसद में एक बिल लाना पड़ेगा। संविधान विशेषज्ञों ने बताया कि सरकार को अभी क्या-क्या कदम उठाने होंगे।
पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया और कहा कि इसके लिए जरूरी संवैधानिक प्रक्रिया को संसद के शीतकालीन सत्र में समाप्त किया जाएगा। पूर्व लॉ सेक्रेटरी पी के मल्होत्रा ने बताया, ''वापसी के लिए, संसद की शक्ति कानून बनाने के समान ही है।'' उन्होंने कहा कि सरकार को तीनों कानूनों को वापस लेने के लिए एक बिल लाना होगा।  पूर्व लोकसभा सेक्रेटरी जनरल पीडीटी आचार्य ने कहा, ''कोई दूसरा रास्ता नहीं है।'' एक सवाल के जवाब में आचार्य ने कहा कि सरकार एक ही विधेयक से तीनों कानून खत्म कर सकती है। 
आचार्य ने कहा कि सरकार को उद्देश्य यह भी बताना होगा कि वह क्यों तीनों कानून वापस लेना चाहती है। मल्होत्रा ने कहा कानून की वापसी भी एक कानून है। उन्होंनने कहा कि कानून संसद से पास होता है और इस पर राष्ट्रपति हस्ताक्षर करते हैं, इसे वापस भी संसद से ही लिया जा सकता है। 
     राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जोर दिया कि कानून किसानों के हित में थे। साथ ही उन्होंने यह कहकर माफी भी मांगी कि किसानों को समझाने में असफल रहे। पीएम ने कहा, ''मैं आपको यह बताने आया हूं कि हमने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है। इस महीने के अंत में शुरू हो रहे आगामी संसद सत्र में हम तीनों कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया पूरी करेंगे।''

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