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पंजाब विधानसभा में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी और कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित

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पंजाब विधानसभा में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी और कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित

भोपाल से संपादित राधावल्लभ शारदा एवं चंडीगढ़ से लीलाधर शर्मा की रपट, संपादक की टिप्पणी - केंद्र में भाजपा की सरकार के फैसले से कांग्रेस शासित राज्यों में हलचल बनी रहती है  ,देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का फैसला केन्द्र सरकार का काम है राज्य सरकार को चाहिए कि राजनीति से हटकर देश एवं देश के नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए परन्तु एन डी ए के खिलाफ अन्य राजनीतिक दल विरोध करने में पीछे नहीं रहता है यह देश के नागरिकों का अपमान है ।

पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को सर्वसम्मति से बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के केंद्र के फैसले को रद्द कर दिया गया। उपमुख्यंत्री और गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इसके खिलाफ प्रस्ताव रखा और केंद्र सरकार से 11 अक्तूबर को गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना वापस लेने की मांग की। इसके बाद विधानसभा ने सर्वसम्मति से इस संबंध में केंद्र सरकार की अधिसूचना को खारिज करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। वहीं इस मामले पर विधानसभा में जमकर हंगामा भी हुआ। नवजोत सिद्धू और बिक्रम सिंह मजीठिया आमने-सामने हो गए। सिद्धू ने सवाल दागा कि सुखबीर बादल सर्वदलीय बैठक में क्यों नहीं आए। वहीं बाद दोपहर विधानसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ। कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित की गई। इसके बाद शोर-शराबे के बीच ही स्पीकर ने कृषि कानूनों संबंधी प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
चन्नी के भषण पर सदन में हंगामा हो गया। आप के सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंचे। इसके बाद आप ने सदन से वॉकआउट कर लिया। अकाली दल के सदस्य भी वेल में पहुंचे। मुख्यमंत्री के भाषण का विरोध करते हुए वेल में नारेबाजी की। इसी हंगामे के बीच रणदीप नाभा ने सदन में कृषि कानूनों के बारे में प्रस्ताव पेश किया। स्पीकर ने सदस्यों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया। इसके बाद अकाली सदस्यों ने भी सदन से वॉकआउट किया हालांकि थोड़ी देर बाद अकाली सदस्य सदन में लौट आए।
रंधावा ने अपने भाषण में कहा कि पंजाब शहीदों और वीरों की भूमि है। पंजाबियों ने देश की आजादी की लड़ाई में और 1962, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में अद्वितीय बलिदान दिए हैं। पंजाबियों ने देश में सबसे अधिक वीरता पुरस्कार प्राप्त किए हैं। पंजाब पुलिस दुनिया में एक अद्वितीय देशभक्त पुलिस बल है, जिसने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए हमेशा साहस और दृढ़ संकल्प के साथ योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि पंजाब के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने का फैसला पंजाब और पंजाब पुलिस के लोगों के प्रति अविश्वास है। यह उनका भी अपमान है। केंद्र सरकार को इतना बड़ा फैसला लेने से पहले पंजाब सरकार से मशविरा करना चाहिए था।  पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति मजबूत और बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह भारतीय संविधान के संघीय ढांचे की भावना का उल्लंघन है।
रंधावा ने कहा कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार एक संकीर्ण नीति है। पंजाब के सभी राजनीतिक दलों ने सर्वसम्मति से केंद्र सरकार की इस कार्रवाई की निंदा की है और केंद्र सरकार से 11 अक्तूबर 2021 को गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना को तुरंत वापस लेने की मांग की है।
सत्र का बहिष्कार करते आप विधायक। - फोटो : अमर उजाला
आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को खाद की कमी के मुद्दे पर सत्र का बहिष्कार किया। नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब के किसान डीएपी खाद की कमी से जूझ रहे हैं। सरकार कोई सुध नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि गेहूं की बिजाई का समय आ गया है, खाद की कमी के कारण अभी किसान परेशान है। चीमा ने सरकार से 24 घंटे के भीतर खाद की कमी को दूर करने की मांग की है।

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