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भीषण बाढ़ लू और भयावह सूखे से घिर जाएगी धरती ।

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भीषण बाढ़, लू और भयावह सूखे से घिर जाएगी धरती, जरूर पढ़ें यूएन की यह चेतावनी भरी रिपोर्ट 
क्‍लाइमेट को लेकर

 यूएन ने अपनी रिपोर्ट में जो चेतावनियां दी हैं, वह दिल दहलाने वाली हैं. इसके मुताबिक कुछ ही साल में जानलेवा हीट वेव्‍स 1 अरब से ज्‍यादा लोगों को झुलसाएंगी. 
भीषण बाढ़, लू और भयावह सूखे से घिर जाएगी धरती, जरूर पढ़ें UN की यह चेतावनी भरी 
यूएन ने क्‍लाइमेट को लेकर जारी की चेतावनी 
सामने आए दिल दहलाने वाले फैक्‍ट्स 
हीट वेव, बाढ़, सूखा से घिर जाएगी धरती 
पेरिस: मानव जाति के कारण पर्यावरण को हुए नुकसान के कारण धरती पर तबाही मचने वाली है. ग्‍लोबल वार्मिंग के कारण धरती पर भीषण बाढ़  जमी हुई बर्फ पिघलने से समुद्र का जल स्‍तर बढ़ने, जानलेवा हीट वेव  और सूखा पड़ने के हालात चरम पर होंगे. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट (UN Report) में क्‍लाइमेट को लेकर चेतावनी दी गई है कि 2030 तक ग्लोबल वार्मिंग 1.5 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच सकती है. इसे लेकर इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) ने कहा है कि यदि जीवाश्म ईंधन के उपयोग को आक्रामक तरीके से काम करते हुए बंद भी करा दिया गया तो भी 2050 तक ग्‍लोबल वॉर्मिंग इस खतरनाक स्‍तर को पार कर जाएगी. 
इंसान ने लाई है यह बर्बादी ******
आईपीसीसी के वर्किंग ग्रुप 1 के सह-अध्‍यक्ष वैलेरी मैसन-डेलमोटे ने कहा है, 'यह दशकों से स्पष्ट है कि पृथ्वी (Earth) की जलवायु बदल रही है और जलवायु पर आए इस असर में मानव की भूमिका निर्विवाद है.' रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हीटवेव, बारिश और सूखा को लेकर जो रिकॉर्ड बताए गए हैं, वे भयावह हैं क्‍योंकि क्‍लाइमेट बॉडी ने चेतावनी दी है कि ऐसा जानलेवा मौसम दुनिया भर में फैल जाएगा.
जीवाश्‍म ईंधन के लिए मौत की घंटी 
संयुक्‍त राष्‍ट्र के प्रमुख ने कहा है कि 'यह क्‍लाइमेट रिपोर्ट जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels) के लिए मौत की घंटी होनी चाहिए और तत्‍काल इनके उपयोग पर रोक लगाई जानी चाहिए.' 
रिपोर्ट में कहा गया है कि समुद्र का बढ़ता स्तर और पृथ्वी की बर्फ का तेजी से पिघलना ऐसी घटनाएं हैं, जो न केवल सदियों और बल्कि हजारों सालों में भी फिर से पहले जैसी स्थिति को वापस नहीं ला सकेंगी. 
1 अरब लोग झुलसेंगे हीट वेव से 
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में करीब 1 अरब लोगों को जानलेवा हीट वेव झुलसा सकती हैं. इतना ही नहीं सूखे के कारण करोड़ों लोग पानी के लिए संघर्ष करेंगे. रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि प्रवाल भित्तियां (Coral reefs) जिनके कारण दुनिया के बड़े क्षेत्रों में मत्स्य पालन संभव हो पाता है, वे बड़े पैमाने पर मर सकती हैं. 
ऐसे हालातों में यदि देश अपने प्रयासों में विफल रहे, तो दुनिया का औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक युग की तुलना में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस से ज्‍यादा बढ़ने की आशंका है. यूके ने कहा है कि यह रिपोर्ट 'एक कड़ी चेतावनी है कि मानव इस ग्रह को खतरनाक दर से नुकसान पहुंचा रहा है.'

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