none

कंगना ने महात्मा गांधी पर साधा निशाना, बोलीं- थप्पड़ खाने से नहीं मिली आजादी

none

कंगना ने महात्मा गांधी पर साधा निशाना, बोलीं- थप्पड़ खाने से नहीं मिली आजादी
   

भोपाल से संपादित राधावल्लभ शारदा एवं दिल्ली से वेदप्रकाश रस्तोगी की रपट - टिप्पणी संपादक की - राष्ट्र पिता महात्मा गांधी हिंसावादी नहीं थे इसलिए उन्होंने कहा था कि यदि आपको कोई एक थप्पड़ जड़ देता है तो दूसरा गाल उसके सामने कर दें का मतलब मारने बाला शर्म से आपको दूसरा थप्पड़ नहीं मारेगा , महात्मा गांधी ने नमक आंदोलन किया ,
अब युद्ध और आंदोलन दोनों का फर्क समझना होगा , युद्ध झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, महाराणा प्रताप , नेताजी सुभाष चन्द्र बोस , चन्द्र शेखर आजाद , जैसे अनेक लोगों ने देश को आजाद कराने के लिए अंग्रेजों से युद्ध किया और अपने प्राणों की आहुति दी , जहां तक मैं समझता हूं कि पूज्य बापू के साथ जितने लोग थे सभी ने आंदोलन किया युद्ध नहीं , कंगना रनौत की बात पर सभी को विचार करना चाहिए कि वह कितनी सही है या ग़लत ,।

कंगना रनौत  के 'भीख में मिली आजादी' वाले बयान पर विवाद थमा नहीं था कि उन्होंने फिर एक विवादित पोस्ट शेयर किया है. इस बार उन्होंने महात्मा गांधी पर निशाना साधा है. कंगना रनौत  ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर महात्मा गांधी को भूखा और चालाक बताया है. उन्होंने यह तक कह दिया कि महात्मा गांधी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो जाए. कंगना ने इंस्टा स्टोरी पर एक पुराने न्यूज पेपर का एक आर्टिकल शेयर किया है. उन्होंने कैप्शन में लिखा कि आप या तो गांधी के फैन हो सकते हैं या फिर नेताजी के सपोर्टर. आप दोनों नहीं हो सकते. इसका फैसला खुद करें.
गाल पर थप्पड़ खाने से नहीं मिली आजादी
कंगना ने  लिखा है, 'जो लोग आजादी के लिए लड़े उसे उन लोगों ने अपने मालिकों को सौंप दिया. क्योंकि उनमें न तो हिम्मत थी और न ही खून में उबाल. वे सत्ता के भूखे और चालाक थे. ये वही लोग थे, जिन्होंने हमें सिखाया अगर कोई तुम्हारे एक गाल पर थप्पड़ मारे तो उसके सामने अपना दूसरा गाल आगे कर दो और इस तरह तुमको आजादी मिल जाएगी. ऐसे किसी को आजादी नहीं मिलती, सिर्फ भीख मिलती है, अपने हीरो समझदारी से चुनें.'
कंगना ने दूसरे पोस्ट में लिखा, 'गांधी ने भगत सिंह और नेताजी को कभी भी सपोर्ट नहीं किया. इसके कई सबूत हैं जो इशारा करते हैं कि गांधीजी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो जाए. इसलिए आपको चुनना है कि आप किसे सपोर्ट करते हैं. क्योंकि उन सबको अपनी यादों में रखना और उनकी जयंती पर विश करना काफी नहीं है. सच कहू तो यह यह मूर्खता ही नहीं बल्कि गैरजिम्मेदाराना है. लोगों को अपना इतिहास और अपने हीरोज का पता होने चाहिए'. 
 कंगना रनौत  ने हाल ही एक न्यूज चैनल के प्रोग्राम में कह दिया था कि 1947 में आजादी नहीं बल्कि भीख मिली थी. कंगना  का कहना था कि असल में आजादी साल 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद मिली है. उनके इस बयान से बवाल मचा हुआ है. कंगना के इस बयान पर लोगों ने अपनी आपत्ति जाहिर की थी.

Follow Us On You Tube