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भारत में अब धमकी देने बालों की लाइन । गुरनाम सिंह चढूनी की प्रधानमंत्री मोदी को धमकी

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भारत में अब धमकी देने बालों की लाइन ।
गुरनाम सिंह चढूनी की प्रधानमंत्री मोदी को धमकी,

भोपाल से संपादित राधावल्लभ शारदा एवं जिग्नेश पटेल की रपट - टिप्पणी के साथ चढूनी ने किसानों की तरफ से धमकी दी उसी तरह ओवेशी ने मुसलमानों की तरफ से कहा कि यदि मुसलमान सड़क पर आ गया तो ? अब देश में आम आदमी से लेकर जाति के आधार पर , व्यवसाय के आधार पर , सरकारी नौकरी करने वाले सब के सब अपनी अपनी मांग मनवाने के लिए सरकार को धमकाने लगे हैं ,कोरोना काल में नरसिंग स्टाफ और अब दीपावली पर विजली विभाग के कर्मचारियों ने धमकी दी है , राकेश टिकैत की धमकी भी है सरकारी दफ्तरों में धान बेचेंगे गोया अब हमारा देश धमकी देने बाला देश हो रहा है ,
धमकी सिर्फ मिडिया ही नहीं देता यदि मिडिया धमकी दे कि धमकी देने बालों के समाचार न दिखायेंगे और न ही छापेंगे तो फिर इन धमकी देने बालों का क्या होगा ।

 टिकरी बॉर्डर खोलने को लेकर अब केंद्र सरकार और किसान आमने-सामने हैं. हरियाणा में किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे गुरनाम सिंह चढूनी  ने सरकार से बॉर्डर खाली करने के लिए किसी तरह की जबरदस्ती नहीं करने को कहा है. चढूनी का कहना है कि अगर सरकार जबरदस्ती करती है तो किसान दिवाली मनाने के लिए पीएम मोदी के घर पहुंच जाएंगे.
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से टिकरी बॉर्डर खोलने को लेकर किसानों के बीच तनाव की स्थिति है. दिल्ली पुलिस ने समझौते के तय हुई जगह से ज्यादा रास्ता खोला. जिसके बाद किसानों के बीच ऐसी बातें फैल गई कि दिवाली से पहले सरकार की ओर से बॉर्डर खाली करवाए जा सकते हैं.
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, ''सरकार कई दिन से बॉर्डर खोलने की तैयारी कर रही है. लोगों में चर्चा चल रही है कि सरकार दिवाली से पहले बॉर्डर खाली करवाएगी. हम सरकार को चेतावनी देना चाहते हैं कि वह किसी तरह की भूल में नहीं रहे. अगर सरकार ने सड़के खाली करवाने की कोशिश कि तो फिर इस बार की दिवाली मोदी के घर के बाहर मनाएंगे.''
क्या दिल्ली में एंट्री करेंगे किसान?
गुरनाम सिंह चढूनी ने आगे कहा, ''सरकार को चेतावनी है कि हम शांति से बैठे हैं. अगर सरकार छेड़खानी करने की कोशिश करती है तो फिर हम दिल्ली की ओर बढ़ेंगे और पूरे हरियाणा क्या पूरे देश के किसान दिल्ली की ओर आगे बढ़ेंगे. किसान भाई अलर्ट रहें और रात को भी मैसेज आए तो दिल्ली की तरफ बढ़ जाएं.
बता दें कि दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर  पर बीते एक साल से किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने और एमएसपी पर कानून बनवाने को मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

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