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मुख्यमंत्री बदलने की नीति है भाजपा के तीन नेताओं की ।

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मुख्यमंत्री बदलने की नीति है भाजपा के तीन नेताओं की 
, नई दिल्ली -नयूजमहादण्ड.काम के लिए संपादित ,
भाजपा के एक राष्ट्रीय स्तर के नेता का कहना है कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले कुछ राज्यों में चुनाव जीतने की रणनीति के तहत केन्द्र के तीन नेताओ ने रणनीति तैयार की है कारण है एक ही मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता अस्वीकार करने लगी है अतः समय का रुख भांपने वाले नेता कभी चुनौतियों को खुद पर हावी नहीं होने देते। वह समय पर निर्णय लेते हैं और चुनौतियों को बौना बनाते हैं ।
तीन महीने के भीतर उत्तराखंड ने तीन मुख्यमंत्री का चेहरा देखा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना रुतबा और कुर्सी दोनों बचाए रखने में कामयाबी पा ली, लेकिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को इस्तीफा देना पड़ा। भाजपा के गलियारे में चर्चा है कि जल्द ही कुछ और राज्यों के मुख्यमंत्री बदले जा सकते हैं। मुख्यमंत्री बदलने की इस दौड़ में गुजरात, त्रिपुरा  मध्यप्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में चलने वाली भाजपा है और इसके मुखिया जेपी नड्डा इस योजना के क्रियान्वयन करने वाले चेहरे हैं।
भाजपा के एक राष्ट्रीय स्तर के नेता का कहना है कि समय का रुख भांपने वाले नेता कभी चुनौतियों को खुद पर हावी नहीं होने देते। वह समय पर निर्णय लेते हैं और चुनौतियों को बौना बनाते हैं। सूत्र का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी देश के एक लोकप्रिय नेता हैं। उन्हें राष्ट्रहित, पार्टी के हित में निर्णय लेने में कोई संकोच नहीं होता। यह पूछे जाने पर कि क्या कुछ राज्यों में और मुख्यमंत्री बदलने की योजना है? सूत्र का कहना है कि वह इस बारे में कुछ नहीं जानते, लेकिन इतना जरूर कह सकते हैं कि जो उचित होगा, वह निर्णय लेने में केंद्र सरकार और भाजपा को कोई हिचक नहीं होगी।
2022 में सात राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इनमें उत्तर प्रदेश जैसा बड़ा राज्य भी शामिल है। उत्तर प्रदेश के अलावा प्रमुख चुनावी राज्य उत्तराखंड, पंजाब, गुजरात, गोवा, मणिपुर, हिमाचल में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें पंजाब में कांग्रेस की सरकार है, लेकिन पंजाब को छोड़कर सभी राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। इन चुनावों के बाद त्रिपुरा और कर्नाटक में भी चुनाव होना है। वहां भी भाजपा की सरकार है। भाजपा ने इसे केंद्र में रखकर उत्तराखंड में मुख्यमंत्री और कर्नाटक में मुख्यमंत्री का चेहरा बदल लिया है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव में जाने का निर्णय हो चुका है। पंजाब में भाजपा का कुछ भी राजनीति में दांव पर नहीं है, लेकिन वह अन्य राज्यों को लेकर संवेदनशील हैं 
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर विपक्ष नई रणनीति तैयार करने में जुट गया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी भी उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराने के लिए कमर कस रही है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्व यादव भी चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश में भाजपा को करारा झटका दिया जाए। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पास उत्तर प्रदेश का प्रभार है। वह इस तरह की राजनीतिक संभावनाओं को तलाशने में जुट गई हैं। चुनाव प्रचार अभियान के रणनीतिकार प्रशांत किशोर का मानना है कि राज्यों में भाजपा को आसानी से कमजोर किया जा सकता है। ऐसा करके केंद्र की भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी को आसानी से 2024 में चुनौती पेश की जा सकती है। विपक्ष की इस रणनीति को प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बखूबी समझते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि यह तिकड़ी इसकी काट खोजने में सक्रिय हो गई है।
गुजरात, त्रिपुरा समेत अन्य राज्यों में भी चल रही है चर्चा
गुजरात भाजपा में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को लेकर धीरे-धीरे नाराजगी बढ़ रही है। जनता के बीच में भी रुपाणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसी राज्य के मुखिया वाली छाप नहीं छोड़ पा रहे हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री खुद गुजरात को लेकर लगातार संवेदनशील बने हुए हैं। बताते हैं कि गुजरात को लेकर केंद्रीय नेतृत्व जल्द ही कोई बड़ा निर्णय ले सकता है। यही स्थिति त्रिपुरा की चल रही है। त्रिपुरा मुख्यमंत्री बिप्लव देव के कामकाज की भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व समीक्षा कर रहा है। त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को बड़ी चुनौती देने की तैयारी कर रखी है। इसे देखते हुए केन्द्रीय नेतृत्व वहां भी चेहरा बदल सकता है। बताते हैं इसी तरह की कोशिश कुछ अन्य राज्यों में करके जनता के भीतर कोरोना संक्रमण के दौरान पैदा हुए रोष तथा सरकार विरोधी लहर को कम करने की कोशिश की जा सकती है।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद उत्पन्न स्थितियों की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार किया। कई बड़े, धुरंधर और राष्ट्रीय राजनीति में मजबूत हो रहे नेताओं को मंत्रिमंडल से बाहर करके युवा नेताओं को जगह दी। इसका जनता के भीतर सकारात्मक संदेश गया है कि जो मंत्री अपना दायित्व सही ढंग से नहीं संभाल पा रहे थे, प्रधानमंत्री ने उन्हें बदल दिया है। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की छवि तेजी से निखर रही है। माना जा रहा है कि इन प्रयोगों से मिले अनुभव के आधार पर भाजपा इसे अन्य राज्यों में लागू कर सकती है। सही समय आने पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के चेहरे में भी बदलाव हो सकता है ।
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