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देवेगौड़ा से मुलाकात के बाद क्यों बनाई कैबिनेट? बीजेपी विधायक ने मुख्यमंत्री बोम्मई पर बोला हमला
**नई दिल्ली एवं भोपाल से संपादित शिवकुमार शर्मा एवं राधावल्लभ शारदा के द्वारा**
 राजनीति अन्य व्यवसाय की तरह होती दिखाई देती है ।पहले विधायक की कोशिश पार्टी ने टिकट दे दिया फिर चुनाव लडना , चुनाव में पैसा खर्च करना ,जीत हासिल कर ली तो फिर मंत्री मंडल में शामिल होना , फिर मन पसंद विभाग चाहिए । सभी जानते हैं कि मंत्री मंडल की सीमा होती है परन्तु ? 
कर्नाटक में नए कैबिनेट गठित होने को लेकर बीजेपी विधायक ने राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर निशाना साधा है। कर्नाटक के हासन से बीजेपी विधायक प्रीतम जे गौड़ा ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता पूछ रहे हैं कि कैबिनेट गठित करने से पहले सीएम बोम्मई को पूर्व पीएम और जेडीएसनेता देवेगौड़ा से क्यों मिलना पड़ा। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं ने पूछा है कि पार्टी नेताओं को क्या सदेंश दिया जा रहा है? विधायक ने कहा कि मैं इस संबंध में सीएम से बात करूंगा।
वहीं, पार्टी के विधायक की ओर से सवाल उठाए जाने पर मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि प्रीतम गौड़ा मेरे युवा मित्र हैं। वह उत्साह में बोले हैं। मेरी देवेगौड़ा से राजनीति पर चर्चा नहीं हुई। मैं हसन के सभी पदाधिकारियों से मिला। संदेह करने की कोई आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं और विधायकों को विश्वास में लूंगा और उनके हितों की रक्षा करूंगा।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को अपने नए मंत्रिमंडल के सदस्यों में विभागों का बंटवारा कर दिया, इनमें से अधिकतर मंत्रियों के पास उन्हीं विभागों की जिम्मेदारी है, जो पूर्ववर्ती बी एस येदियुरप्पा की सरकार में उनके पास थे। हालांकि, पार्टी सदस्य आनंद सिंह ने खुलकर विभागों के बंटवारे को लेकर अपना नाराजगी जाहिर की। इसपर सीएम बोम्मई ने कहा है कि सबको मनचाहा पोर्टफोलियो नहीं दिया जा सकता है।

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