उत्तर प्रदेश

धरनारत राजा भैया के पिता को मनाने में जुटा प्रशासन... जानिए क्या है मामला

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प्रतापगढ़, (रमेश त्रिपाठी) : जनपद की कुंडा विधानसभा अंतर्गत शेखपुरा आशिक गांव में एक विशेष संप्रदाय के लोगों के द्वारा आने वाले त्यौहार मुहर्रम को देखते हुए एक गेट बनाया गया है, जिसमें उर्दू भाषा में कुछ लिखा गया है, इसी बात पर राजा उदय प्रताप सिंह भड़क गए हैं और उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस गेट को तत्काल हटाया जाए।
बस इसी को लेकर वह धरने पर बैठे हुए हैं बुधवार को पूरे दिन भर उनका धरना चलता रहा और वह अनशन पर बैठे रहे इस दौरान उनको हजारों की संख्या में लोगों का जन समर्थन मिला और कुंडा तहसील के संपूर्ण अधिवक्ताओं का समर्थन भी मिला। लगभग 80 वर्षीय राजा उदय प्रताप सिंह ने मान मनौव्वल करने आए क्षेत्राधिकारी कुंडा से कहा कि यदि परंपरा के आधार पर लंबे समय से चली आ रही मंदिर और मस्जिद पर माइक की प्रथा समाप्त हो सकती है तो इस तरह के गेट की भी परंपरा समाप्त की जा सकती है जिससे हर जाति धर्म के लोगों को इस गेट से होकर गुजरना पड़ता है और उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है। देश के प्रतिष्ठित दून स्कूल और जापान विश्वविद्यालय से पर्यावरण विज्ञान में स्नातक भदरी नरेश राजा उदय प्रताप सिंह ने कहा कि हम तब तक नहीं उठेंगे जब तक कि इस गेट को हटा ना दिया जाए उन्होंने कहा कि इस तरह का गेट उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग की जमीन पर बना है जो पूरी तरह से गैर कानूनी है।
देर रात के साढे 12 बजे डीएम नितिन बंसल और एसएसपी सतपाल अंतिल धरनास्थल पर पहुंचे, जहां पर राजा भैया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह के साथ में बैठकर भोजन किया। धरना खत्म करने की बात भी कही लेकिन राजा भैय्या के पिता ने कहा कि जब तक उनकी मांग नहीं मान ली जाती तब तक वो धरना खत्म नहीं करेंगे।
यह पहला मौका नहीं है जब मोहर्रम से पहले राजा उदय प्रताप सिंह ने विरोध का झंडा बुलंद किया है दरअसल प्रतापगढ़ प्रशासन को हर वर्ष मोहर्रम पर शांति बनाए रखने के लिए कमर कसनी ही पड़ती है उसका कारण यह है कि मोहर्रम के ही दिन राजा उदय प्रताप सिंह शेखपुर आशिक गांव में मंदिर पर बहुत पहले मर चुके एक बंदर की वार्षिकी और भंडारे का आयोजन करते हैं इसका विरोध मुस्लिम समुदाय के लोग करते हैं क्योंकि उनको ताजिया ले जाने में दिक्कत होती है अभी तक मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है हाई कोर्ट में मामला पहुंचा है इसलिए अब प्रतापगढ़ जिला प्रशासन हर वर्ष मोहर्रम के दौरान राजा उदय प्रताप सिंह को नजरबंद कर देता है इस बार मोहर्रम से कुछ दिन पहले ही राजा उदय प्रताप सिंह धरने पर बैठ गए हैं।

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